ब्लड प्रैशर क्या है ❓

रक्त वाहनियों में वहने वाले रक्त द्वारा रक्तवाहनियों की दीवारों पर डाला गया दवाब  ब्लड प्रैशर(रक्तचाप ) कहलाता है। धमनियां वह नलिका है जो पम्प करने बाले हृदय से रक्त को शरीर के सभी ऊतकों और इन्द्रीओं तक ले जाते है।


  ब्लड प्रैशर के प्रकार 

ब्लड प्रैशर दो प्रकार के  होते  है।

1. हाई ब्लड प्रैशर 

2.  लो ब्लड  प्रैशर 




1.हाई ब्लड प्रैशर 


यह एक पुरानी  चिकित्सीय पध्दती है जिसमे जिसमे धमनिओं का दबाब बड़ जाता है। दबाब  की इस बृद्धि के कारण ,रक्त की धमनिओं में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवस्यकता होती है। इसे ही हाई ब्लड प्रैशर  या हाइपर टेंशन कहतें है। 



2. लो ब्लड प्रैशर 


धमनिओं में रक्त का पाबह काफी कम हो जाने के कारण लौ ब्लड प्रेसर की शिकायत आने लगती है। जब रक्त का प्रबाह काम होता है तो शरीर में मस्तिष्क ,गुर्दे और हृदय जैसी महत्वपूर्ण इन्द्रियां में ऑक्सीज़न और पौष्टिक पदार्थ नहीं पहुँच पाते है और ये इन्द्रियां काम नहीं करती  झतिग्रस्त हो जाती है। इसे ही लौ ब्लड प्रैशर कहतें है।



 हाई ब्लड  प्रैशर को कम करने उपाय 




1. सर्पगंधा ,गिलोय ,आंबला ,अर्जुन वृक्ष की छाल ,पुनर्नवा और आशकंद बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर पानी के साथ दिन में दो बार खाने से आराम मिलता है।

2. तरबूज  खाने से भी आराम मिलता है।

3. लीची का उपयोग भी फायदेमंद  है।

4. हृदय की कमजोरी को काम करने के लिए शहतूत का शरबत दिन में दो बार पीना चाहिए।

5. गाजर का मुर्रब्बा भी लाभकारी है।


6. सर्पगंधा को कूट कर रख लें। प्रायः और सायं को 2 -3 ग्राम सेवन करने सेहै ब्लड प्रैशर सामान्य हो जाता है।

7. गेहूं की बासी रोटी प्रातः काल खाने से भी आराम मिलता है।

8. एक ग्राम सूखा धनिया ,एक ग्राम सर्पगंधा ,2 ग्राम मिश्री में पीसकर ताजा पानी के साथ खाने से आराम मिलता है।



लौ ब्लड प्रैशर कम करने के उपाय 


1. गाजर के रस में शहद मिलकर पीने से लाभ मिलता है

2. गाजर का मुर्रब्बा भी लाभकारी   होता है।

3. 150 ग्राम पानी में किसमिस  दें। बारह घंटे  बाद प्रातः एक-एक किशमिश  को आधा -आधा  मिनट तक खूब चबा कर खाने से आराम मिलता है।